The Hrishi, Babul Supriyo and Sadhana Sargam - Ab Ke Sawan Mein Jee Dare [Drill Trap]

अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो

अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी

हो

आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में
हो हो आ तुझको आँखो में छुपा लूँ इस रात में
कजरा गजरा बह जायेगा ये बरसात में

ओ होश से काम लो राम का नाम लो थाम लो
जाने बैरन रुत क्या करे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
हो हो

अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
अब के सावन में जी डरे
रिमझिम तन पे पानी गिरे
मन में लगे आग सी
ओ मन में लगे आग सी
ओ मन में लगे आग सी

Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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The Hrishi, Babul Supriyo and Sadhana Sargam

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