Tarun Makhijani and Lata Mangeshkar - Kashmir Ki Kali Hoon Main [Remix]
काश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर ना मिलूंगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
अरे काश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
रंगत मेरी बहारो में
दिल की आग चनारो में
रंगत मेरी बहरो में
दिल की आग चनारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
काश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
अरे काश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
Written by:
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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