Saylee Raje - Khafa Hoon Khafa Hoon
हम्म हम्म हो हो हो हो
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मैं ज़िंदा हूँ पर ज़िंदगी से ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मैं ज़िंदा हूँ पर ज़िंदगी से ख़फ़ा हूँ
हो ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मुझे दोस्तों से शिक़ायत है शायद
मुझे दोस्तों से शिक़ायत है शायद
मुझे दुश्मनों से मुहब्बत है शायद
मैं इस दोस्ती दुश्मनी से ख़फ़ा हूँ
मैं इस दोस्ती दुश्मनी से ख़फ़ा हूँ
ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मैं ज़िंदा हूँ पर ज़िंदगी से ख़फ़ा हूँ
न जाने कहाँ कब किसे देखता हूँ
न जाने कहाँ कब किसे देखता हूँ
मगर मैं जहाँ जब जिसे देखता हूँ
समझता है वो मैं उसी से ख़फ़ा हूँ
समझता है वो मैं उसी से ख़फ़ा हूँ
ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मैं ज़िंदा हूँ पर ज़िंदगी से ख़फ़ा हूँ
मैं जागा हुआ हूँ मैं सोया हुआ हूँ
मैं जागा हुआ हूँ मैं सोया हुआ हूँ
मैं दिल के अन्धेरों में खोया हुआ हूँ
इसी चाँद की चाँदनी से ख़फ़ा हूँ
इसी चाँद की चाँदनी से ख़फ़ा हूँ
ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
मैं ज़िंदा हूँ पर ज़िंदगी से ख़फ़ा हूँ
हे ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ ख़फ़ा हूँ
किसी बात पर मैं किसी से ख़फ़ा हूँ
Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Publisher:
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