Suresh Wadkar, Vinod Rathod and Kavita Krishnamurthy - Char Din Ka Safar
आ आ आ आ (आ आ आ)
जिंदगी में खुशी है घड़ी दो घड़ी
जिंदगी में खुशी है घड़ी दो घड़ी
हर कदम पर नया इंतिहा है
चार दिन का सफ़र ये जहा है
मुस्कुरा ले बहुत कम समा है
जिंदगी में खुशी है घड़ी दो घड़ी
हर कदम पर नया इंतिहा है
चार दिन का सफ़र ये जहा है
मुस्कुरा ले बहुत कम समा है
जिंदगी में खुशी है घड़ी दो घड़ी
हर कदम पर नया इंतिहा है
चार दिन का सफ़र ये जहा है
आ आ
आ आ
हाथ में जो पल है तेरे हंस कर इसे तू बिता ले
आने वाला पल ना जाने क्या खेल सबको दिखाए
हाथ में जो पल है तेरे हंस कर इसे तू बिता ले
वक़्त के सामने आदमी कुच्छ नही
वक़्त के सामने आदमी कुच्छ नही
वक़्त के सामने आदमी कुच्छ नही
आदमी पल भर की दस्ता है
चार दिन का सफ़र ये जहा है
मुस्कुरा ले बहुत कम समा है
कह के गये है संत सयाने ये जग है रैन बसेरा
मालिक सबका एक वही है पगले ना कर तेरा मेरा
कह के गये है संत सयाने जाग है रैन बसेरा
लेके आया था क्या लेके जाएगा क्या
लेके आया था क्या लेके जाएगा क्या
लेके आया था क्या लेके जाएँगा क्या
सबकी मंज़िल तो आख़िर वहा है
चार दिन का सफ़र ये जहा है
मुस्कुरा ले बहुत कम समा है
आ आ आ आ (आ आ आ)
सतरंगी हैं दुनिया सारी
कोई रंग फिक्का पड़े न
रंग प्रेम का न हो जिस घर मैं
वह घर तो अच्छा लगे न
सतरंगी हैं दुनिया सारी
कोई रंग फिक्का पड़े न
प्रेम ही हो धरम प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम प्रेम ही हो करम
प्रेम तेरी मेरी आत्मा हैं
चार दिन का सफर ये जहाँ हैं (हां आ)
मुस्कुराले बहोत कम समा हैं
ज़िन्दगी में ख़ुशी हैं घडी दो घडी
हर कदम पर नया इन्तेहा हैं
तू रु रु रु रु रु रु तू रु रु रु रु रु रु
Written by:
ANU MALIK, SIKANDER BHARTI
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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