Gulshan Jhankar Studio, Shabbir Kumar and Anuradha Paudwal - Apna Jeevan Rail Ki Patri [Jhankar Beats]

अपना जीवन रेल की पटरी
साथ रहे और मिल न पाये
आये जाये कितने मौसम
फूल ये दिल के खिल न पाये
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे
अपना जीवन रेल की पटरी
साथ रहे और मिल न पाये
आये जाये कितने मौसम
फूल ये दिल के खिल न पाये
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे

प्रेमी तो रंग रेलियां मनाये
हमसे हुई क्या ऐसी खाताये
जिसकी मिली है हमको सजाये आ आ
प्रेमी तो रंग रेलियां मनाये
हमसे हुई क्या ऐसी खटाये
जिसकी मिली है हम को सजाये
सबकी राते चाँदनी राते
हम तो अंधेरो से घबराये
अपना जीवन रेल की पटरी
साथ रहे और मिल न पाये
आये जाये कितने मौसम
फूल ये दिल के खिल न पाये
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे

बिजली का बादल से मिलन है
बादल का सागर से मिलन है
लेहरो का लेहरो से
मिलन है अरे आ आ
बिजली का बादल से मिलन है
बादल का सागर से मिलन है
लेहरो का लेहरो से
मिलन है
अपने बदन से रूह जुदा है
मिलाने की है हुमा को चाह

अपना जीवन रेल की पटरी
साथ रहे और मिल न पाये
आये जाये कितने मौसम
फूल ये दिल के खिल न पाये

Love marriage करके
प्यार को हम तरसे
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे

जीवन अपना जेल है देखो
या गुड़ियों का खेल है देखो
कितना अजब ये मेल देखो अरे आ हां
जीवन अपना जेल है देखो
या गुड़ियों का खेल है देखो
कितना अजब ये मेल देखो
एक ही रस्ता एक ही मज़िल
मिलना चाहे मिलना पाए

अपना जीवन रेल की पटरी
साथ रहे और मिल न पाये
आये जाये कितने मौसम
फूल ये दिल के खिल न पाये
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे
Love marriage करके
प्यार को हम तरसे


Written by:
ANU MALIK, HASRAT JAIPURI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Gulshan Jhankar Studio, Shabbir Kumar and Anuradha Paudwal

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