D.K. Verma and Rashe Chhetri - Tu Jo Mere Sur Men Sur Milaye

तु जो मेरे सुर में तु जो मेरे सुर में सुर मिला ले
संग गा ले, तो जिंदगी हो जाए सफल

तु जो मेरे मन को,तु जो मेरे मन को घर बना ले
मन लगा ले, तो बंदगी हो जाए सफल
तु जो मेरे सुर में (तु जो मेरे सुर में)

ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ
ओ हो आ हा
ओ हो हो ओ हो

चांदनी रातों में
ओ ओ ओ
हाथ लिए हाथों में
ओ ओ ओ चांदनी रातों में
हाथ लिए हाथों में
डूबे रहे एक दूसरे की रसभरी बातों में(डूबे रहे एक दूसरे की रसभरी बातों में)
हो हो तु जो मेरे संग में
तु जो मेरे संग में, मुस्कुरा ले, गुनगुना ले
तो जिंदगी हो जाए सफल

तु जो मेरे मन का
तु जो मेरे मन का, घर बना ले
मन लगा ले, तो बंदगी हो जाए सफल
तु जो मेरे सुर में (तु जो मेरे सुर में)

ग नि ग, रे ग रे सा रे ग म ग म ग रे (ग नि ग, रे ग रे सा रे ग म ग म ग रे)
रे ग रे नि ध प म प रे ग ध प ग म ग रे, ध नि ग, रे ग, ग

क्यूँ हम बहारों से
ओ ओ
खुशियाँ उधार लें
ओ ओ ओ
क्यूँ हम बहारों से
खुशियाँ उधार लें
क्यूं ना मिल के हम ही खुद अपना जीवन सवार लें
ओ ओ तू जो मेरे पथ में
तू जो मेरे पथ में, दीप उगा ले, हो उजाले, तो बंदगी हो जाए सफल
तु जो मेरे सुर में

म ध नि सा म ग रे सा नि ग ग सा रे रे नि सा सा
ग रे सा नि ध म, ग सा ग म ध नि सा (ग रे सा नि ध म, ग सा ग म ध नि सा)

तु जो मेरे सुर में, सुर मिला ले
संग गा ले, तो जिंदगी हो जाए सफल
तु जो मेरे सुर में (तु जो मेरे सुर में)


Written by:
Ravindra Jain

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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D.K. Verma and Rashe Chhetri

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