Kishore Kumar and Vijayta Pandit - Sun Ginnya

सुन गिनिया अरे जा सुन गिनिया
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
मैल हो तो छूट जाए
आदत ना छूट रे कभी
हो हो सुन गिनिया अरे जा
नही करूँगा अब ग़लती
जो तू ना रूठे रे कभी
मैल हो तो छूट जाए
आदत ना छूट रे कभी
हे हे
सुन गिनिया अरे जा

हो हो हो
आजा रे अब
आजा रे अब लौट के तू आजा
अकेला मई रह ना सकूँगा
अरे गिनिया मुझे छोड़ गयी काहे
मैं दुनिया से कह ना सकूँगा
चल चल तू चल चल तू
कितना सीधा साधा है देख लिया रे
कचा एक धागा तेरा वादा है देख लिया रे
हो हो सुन गिनिया अरे जा

ये ना साँझ ये ना साँझ दिल को दोबारा
मैं फिर से कही अब जोड़ दूँगा
अरी तेरे बिना हाथो से अपने
मैं अपना ही दिल तोड़ दूँगा
रहने दे रहने दे
इन बतो मे दम नही है
मेरी गिनिया कुछ भी कहे
मुझको कोई गम नही है
हो हो
सुन गिनिया अरे जा


Written by:
Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar and Vijayta Pandit

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