Gulshan Jhankar Studio and Mohammed Rafi - Mera Hal-E-Dil Kaun Pehchanta Hai [Jhankar Beats]

मेरा हाले दिल कौन पहचानता है
मेरा हाले दिल कौन पहचानता है
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है, मेरा दिल जानता है

मोहल्ले वाले कहते थे मुझे मजनू लड़कपन में
मुझे मजनू लड़कपन में, लड़कपन में, लड़कपन में
सुना ये बहुत है होशियार था
मैं प्यार के फंद में
मगर तुमको दिल देके फँस गया
मैं उजान में पूछो क्यूँ
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है
मैं जो कुछ हूँ, बस
मैं जो कुछ हूँ, बस, बस, बस, बस
मेरा दिल जानता है, मेरा दिल जानता है

तुम्हारे सामने आकर नहीं खुलती ज़ुबा मेरी
नहीं खुलती ज़ुबा मेरी, ज़ुबा मेरी, ज़ुबा मेरी
तुम्हारे सामने आकर नहीं खुलती ज़ुबा मेरी
मेरी, मेरी, मेरी, मेरी, मेरी
अरे तुम भी समझ सकते नहीं मजबूरिया मेरी
कलेजा थाम लो जब सुनोगे दास्ता मेरी
अरे पूछो तो क्यूँ
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है


Written by:
Shakeel Badayuni, Ghulam Mohammed

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Gulshan Jhankar Studio and Mohammed Rafi

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