Suman Kalyanpur and Mukesh - Krishna Agar Tum Radha Hote
आ आ कृष्ण अगर तुम राधा होते
मैं होती घनश्याम, बोलो क्या
होता, बोलो क्या होता, बोलो
क्या होता, कृष्ण अगर तुम
राधा होते, मैं होती घनश्याम
बोलो क्या, होता
जब मैं कहता मुरली बजाओ
जब मैं कहता मुरली बजाओ
तुम कहती छोड़ो ना सताओ
फिर मिलना कल शाम, बोलो क्या होता
बोलो क्या होता, बोलो क्या होता
सांझ सवेरे मुरली बजा के
सांझ सवेरे मुरली बजा के
तुम्हारे मन में आग लगाती
तुम्हारे मन में आग लगाती
ओ ओ फिर मैं दौड़ा दौड़ा आता
मुझको दुनिया रोक न पाती
सब करते बदनाम, बोलो क्या होता
बोलो क्या होता, बोलो क्या होता
जब तुम आते पानी भरन को
जब तुम आते पानी भरन को
मैं तुम्हरी गागर को छुपाती
मैं तुम्हरी गागर को छुपाती
फिर मैं तुम्हारी बिनती करता
और हंसी तुमको आजाती
सखियाँ धरती नाम, बोलो क्या होता
बोलो क्या होता, बोलो क्या होता
जब तुम यमुना तट पे नहाते हो हो
जब तुम यमुना तट पे नहाते
मैं चुप जाती वस्त्र चुरा के
मैं चुप जाती वस्त्र चुरा के हो
फिर मैं सच्चमुच डूबने लगता
तुम ही बचाती मुझको आके
ये होता आंजाम, बोलो क्या होता
बोलो क्या होता, बोलो क्या होता
कृष्ण अगर तुम राधा होते
मैं होती घनश्याम, बोलो क्या
होता, बोलो क्या होता, बोलो
क्या होता, बोलो क्या होता
Written by:
ASAD BHOPALI, USHA KHANNA
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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