अनवर हुसैन and Anuradha Paudwal - Tumhe Jamghata Aashikon Ka

उन्हें झमगाता आशिक़ों का मिलेगा
मगर कोई मुझसा मिला न मिलेगा
हो तुम्हें झमगाता आशिक़ों का मिलेगा
मगर कोई मुझसा मिला न मिलेगा
ओ तुम्हें महफ़िलें आशिक़ों की मिलेंगी
मगर कोई मुझ सी मिली न मिलेगी
तुम्हें महफ़िलें आशिक़ों की मिलेंगी
मगर कोई मुझ सी मिली न मिलेगी

तुम जहाँ भी जाओगी, सब ही तुमको चाहेंगे
अपना सर झुकाएंगे, प्यार भी जताएंगे
तुम ऐसा रूप हो, हर जवान आएगा
ढल गया सबब तो, छोड़ के वह जाएगा
ओ ओ, न होंगी रूहाएँ, न होंगे वो आंसू
दिखाएगी वो सिर्फ़ आहें भरेंगे
तुम्हें झमगाता आशिक़ों का मिलेगा
मगर कोई मुझसा मिला न मिलेगा

तुम हो मेरी आरज़ू, तुम हो मेरी जुस्तुजू
तुम हो मेरी आबरू, तुम हो मेरे रूबरू
तुम न दिल को तोड़ना, ख़्वाब ये न छोड़ना
तुमको प्यार की कसम, मुंह न मुझसे मोड़ना
ओ तुम्हें चाहने वाले लाखों मिलेंगे
मगर कोई मुझसी मिली न मिलेगी
तुम्हें महफ़िलें आशिक़ों की मिलेंगी
मगर कोई मुझ सी मिली न मिलेगी

कोई मुझसा ढूँढ के दिखाइये दिखाइये
तुम पे जो भी मर मिटे, ऐसा लेके आइए
तुम कहो जान दूँ, इक इशारा कीजिए
इम्तहान प्यार का लीजिए, जी लीजिए
ओ सलाम-ए-मोहब्बत तुम्हें सब करेंगे
जनाब न देखो गिले, तू मरेंगे
तुम्हें झमगाता आशिक़ों का मिलेगा
मगर कोई मुझसा मिला न मिलेगा
तुम्हें महफ़िलें आशिक़ों की मिलेंगी
मगर कोई मुझ सी मिली न मिलेगी


Written by:
Hasrat Jaipuri, Kamal Joshi, Usha Khanna

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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अनवर हुसैन and Anuradha Paudwal

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