Udit Narayan, Aamir Khan and Shankar Madhavan - Aisa Zakham Diya Hai
आ आ आ आ आ आ आ आ
उस का चेहरा है मेरी आखो में
होट जिसके बहुत गुलाबी है
वो जो सो कातिलो का कातिल है
वो जो सो कातिलो का कातिल है
जिस की आखे बड़ी शराबी है
आया हूँ यारों दिल अपना दे के
आँखों में चेहरा किसी का ले के
वो दिल का कातिल, दिलबर हमारा
जिसके लिये मैं हुआ आवारा
मिलते ही जिसने, चूमा था मुझको
फिर न पलट के, देखा दोबारा
रु रु रु रु
और इसलिये दोस्तों, मैंने फ़ैसला किया (रु रु रु रु रु रु)
के फिर कभी किसी से प्यार नहीं करूँगा (रु रु रु रु रु रु)
कभी किसी लड़की को अपना दिल नहीं दूँगा (रु रु रु रु रु रु)
दिल लगाने के लिए अब मेरा दिल डरता है
हुस्न से प्यार का इकरार नहीं करता है
जिस के छू लेने से चिंगरिआ पैदा हो जाये
ऐसे मरहम से जख्म कहा भरता है
ऐसा ज़ख़्म दिया है जो ना फिर भरेगा
हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा
हम तो जान देकर यूँ हीं मर मिटे थे
सुन लो ऐ हसीनों ये हमसे अब ना होगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है जो ना फिर भरेगा
हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा
हम तो जान देकर यूँ हीं मर मिटे थे
सुन लो ऐ हसीनों ये हमसे अब ना होगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है
एक इशारे पर तेरे
एक इशारे पर तेरे
ईमान दे सकता हु में
तुझको मेरी जान
तुझको मेरी जान अपनी जान दे सकता हु में
रसीले होंठ छलकते गाल
मस्तानी चाल बुरा कर दे हाल
पलक फड़के के दिल धड़के
उमर की उठान, कड़कती कमाल
कातिल अदा ज़ालिम हया
मेरे ख़ुदा मेरे ख़ुदा
शोला बदन, बेहका चमन, मगर यारों ओ
हम तो जान देकर यूँ हीं मर मिटे थे
सुन लो ऐ हसीनों ये हमसे अब ना होगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है जो ना फिर भरेगा
हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा
हम तो जान देकर यूँ हीं मर मिटे थे
सुन लो ऐ हसीनों ये हमसे अब ना होगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है
तू हुस्ना का सागर है
तू अब्र का साया है
मालिक ने तुझे आपने हाथो से बनाइये है
रसीले होंठ छलकते गाल
मस्तानी चाल बुरा कर दे हाल
पलक फड़के हाय के दिल धड़के
उमर की उठान, कड़कती कमाल
कातिल अदा ज़ालिम हया
मेरे ख़ुदा ओ मेरे ख़ुदा
तू जो कहे तो तारों में तुझे लेकर चलूँ (रु रु रु रु रु रु)
तू जो कहे तो क़दमों में उन्हें ला डाल दूँ (रु रु रु रु रु रु)
सीने से लगा के ये बदन कर दूँ गुलाबी
चेहरा चूम कर के मैं बना दूँ आफताबी
है है लालाल ला ला
हम तो जान देकर तुमपे मर मिटे हैं
कौन प्यार तुमसे इतना करेगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है जो ना फिर भरेगा
हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा
ऐसा ज़ख़्म दिया है
भूले से भी न भूलू गा
अपनी खता को में
असली समझ के पी गया
नकली दवा को में
सीने में जिसके प्यार नहीं था
फरेब था
करने लगा हु प्यार उसी बेवफा को में
आया हूँ यारों दिल अपना ले के (रु रु रु रु रु रु)
आँखों में चेहरा किसी का ले के (रु रु रु रु रु रु)
कोई ना कोई मेरा भी होगा (रु रु रु रु रु रु)
यहीं पे कहीं छुपा ही होगा (रु रु रु रु रु रु)
Written by:
ANU MALIK, JAMEEL MUJAHID, MAJROOH SULTANPURI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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