A.R. Rahman and Bela Shende - Mann Mohanaa

मनमोहना' मनमोहना
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसूं तुम्ही को दिन रेन
छोड़ के अपने काशी- मथुरा
छोड़ के अपने काशी- मथुरा
आके बसो मोरे नैन
यौम बिन पाऊं कैसे चैन कान्हा
तरसूं तुम्ही को दिन रैन

इक पल उजियारा आये
इक पल अँधियारा छाये
मन क्यूं ना घबराये
कैसे ना घबराये
मन जो कोई गाना हाँ अपनी राहों में पाए
कौन दिशा जाए
तूम बिन कौन समझाए
तूम बिन कौन समझाए

रास रचइया वृन्दावन के गोकुल के वाशी
राधा तुम्हरी दासी
दरसन को है प्यासी
श्याम सलोने नंदलाला कृष्णा बनवारी
तुम्हरी छवि है न्यारी
मैं तो तन मन हारी
मैं तो तन मन हारी
मनमोहना मनमोहना
मनमोहना मनमोहना
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसूं तुम्ही को दिन रेन

जीवन इक नदियां है
लहरो- लहरो बहती जाए
इसमें मन की नइया डूबे,कभी तर जाए
तुम ना खेवइया हो तो कोई तट कैसे पाए
मझदार बहलाये,तो तुम्हरी शरण आये
हम तुम्हरी शरण आये
मैं हूँ तुम्हारी
है तुम्हारा ये मेरा जीवन
तुमको देखूं मैं ,देखूं कोई दर्पण
बंशी बन जाउंगी,इन होठों की हो जाउंगी
इन सपनो से जल- थल
है मेरा मन आँगन


Written by:
JAVED AKHTAR, A R RAHMAN

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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A.R. Rahman and Bela Shende

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