Amit Kumar - Koi Na Jab Tera Sathi Ho
आ आ कोई न जब तेरा साथी हो
तो चल मेरे मन तू अकेला
हो हो कोई न जब तेरा साथी हो
चल मेरे मन तू अकेला
क्या है भरोसा है कब तक रहेगा
ये जिदंगी का मेला
कोई न जब तेरा साथी हो
तो चल मेरे मन तू अकेला
हो हो कोई न जब तेरा साथी हो
तो चल मेरे मन तू अकेला
अपनी डगर पर चल झूम कर
काहे का गम है काहे का डर
अपनी डगर पर चल झूम कर
काहे का गम है काहे का डर
राहे बड़ी अलबेली है
राही है तू अलबेला
कोई न जब तेरा साथी हो
चल मेरे मन तू अकेला
क्या है जुदाई क्या मेल है
क्या है जुदाई क्या मेल है
बस धूप छाँव का खेल है
जीना उसकी का जीना है
जो जिंदगी से खेला
कोई न जब तेरा साथी हो
चल मेरे मन तू अकेला
बस साथ लेके अपने करम
जग से अकेले जायेंगे हम
बस साथ लेके अपने करम
जग से अकेले जायेंगे हम
जीवन है क्या बस आया गया
पानी का जैसे रेला
कोई न जब तेरा साथी हो
तो चल मेरे मन तू अकेला
क्या है भरोसा है कब तक रहेगा
यह जिंदगी का मेला
कोई न जब तेरा साथी हो
तो चल मेरे मन तू अकेला
Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find