Mahendra Kapoor, Hariharan and Usha Khanna - Woh Dil Hi Nahin
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो इश्क़ नहीं वो हुस्न नहीं
वो इश्क़ नहीं वो हुस्न नहीं
जो अपनी कहानी कह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
हम उनका किनारा बनते हैं
हम उनका किनारा बनते हैं
जो हमसे किनारा करते हैं
हम उनको पुकारा करते हैं
जो हमसे किनारा करते हैं
वो कश्ती है या तिनका है
वो कश्ती है या तिनका है
जो लग के किनारे बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
जब उल्फ़त होगी अफ़साना
जब उल्फ़त होगी अफ़साना
लिखेगी जवानी रो रो कर
सुन लेगी दीवानी रो रो कर
लिखेगी जवानी रो रो कर
उस ज़ख़्म को क्यों न प्यार करें
उस ज़ख़्म को क्यों न प्यार करें
जो तीर किसी का सह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बादल गरजे बिजली चमके
बादल गरजे बिजली चमके
बूंदों से सितारों में आग लगे
फूल से बहारों में आग लगे
बूंदों से सितारों में आग लगे
जब दीवाना दिल की बीती
जब दीवाना दिल की बीती
महफ़िल में आके कह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
उन अरमानों को क्या कहें
उन अरमानों को क्या कहें
जो पूरे हुए और मिट भी गए
हम घर में रहे और लुट भी गए
जो पूरे हुए और मिट भी गए
वो टूटी तमन्ना अच्छी है
वो टूटी तमन्ना अच्छी है
जो दिल की दिल में रह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो इश्क़ नहीं वो हुस्न नहीं
वो इश्क़ नहीं वो हुस्न नहीं
जो अपनी कहानी कह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
बन बनके आँसू बह जाए
वो दिल ही नहीं जो आँखों से
Written by:
Pt Madhur, Kamal Joshi, Usha Khanna
Publisher:
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