Tushar Joshi, Subhajit Mukherjee and Azazul Haque - Jaaney Do
रुके ना जो चलते बादल लगन
ना बारिश का हो बसर उन्हें जाने दो
बूंदे जो ना बरसे सुखे होंठ पर
ना ख्वाहिश हो ख्वाबो सी तर उन्हें जाने दो
समंदर मिटा दे जो रेतो का घर
देह जाने दो
तूफान टिके ना जो कश्ती अगर
बेह जाने दो बेह जाने दो
बेह जाने दो
जो सुबह हो गुजरी रात से बेखबर
छुटे धागो सी बेसबर इस राह कट जाने दो
राहो की जो ना मंजिल पे हो नज़र
ना मिले साथ जो दो डगर रस्ते बट जाने दो
धुंध में खो जाए परछाई गर खो जाने दो
जो तन्हा हो अनजान अकेली सहर
हो जाने दो हो जाने दो
हो जाने दो हो जाने दो
हो जाने दो हो जाने दो
जाने दो बेह जाने दो
Written by:
Azazul Haque, Subhajit Mukherjee
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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