Roop Kumar Rathod and Kavita Krishnamurthy - Waah Tera Kya Kehna

अपने रुख से ज़रा पर्दा जो हटाया हमने
चाँद सा चेहरा जो महफिल को दिखाया हमने
किसी की आँख झुक गई झुक गई झुक गई
किसी की सांस रुक गई रुक गई रुक गई

किसी की आँख झुक गई झुक गई झुक गई
किसी की सांस रुक गई रुक गई रुक गई
कहीं चिलमन सरक गया
किसी का दिल धड़क गया
कहीं चिलमन सरक गया
किसी का दिल धड़क गया
हम आ गए महफिल में
आएगा अब मजा अब मजा अब मजा
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
होता है क्या होता है क्या होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
वाह तेरा क्या कहना
अरे वाह तेरा क्या कहना
वाह तेरा क्या कहना
वाह वाह तेरा क्या कहना

हम तो वो हैं जो नज़रों का पता देते हैं
चाँद सूरज का सितारों का पता देते हैं
ज़िद पे आ जाए तो शोलों को बुझा देते हैं
हम तो पानी में भी एक आग लगा देते हैं
ऐसे आशिक को
ऐसे आशिक को हम उंगली पर नचाते हैं
नचाते हैं नचाते हैं
सिर्फ करते ही नहीं करके दिखा देते हैं
दिखा देते हैं दिखा देते हैं
तुमको इस तरह मिटाएंगे
निशानी ना मिले
तुमको ऐसी जगह मारे
जहाँ पानी ना मिले
हमको मासूम ना समझो कि हम चालाक भी हैं
जितने भोले हैं उतने ही खतरनाक भी हैं
अरे इफ्तदाए इश्क है रोता है क्या रोता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
होता है क्या होता है क्या होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
वाह तेरा क्या कहना
अरे वाह तेरा क्या कहना
वाह तेरा क्या कहना
वाह वाह तेरा क्या कहना

ऐसे वैसे कैसे कैसे हो गए कैसे कैसे
ऐसे वैसे हो गए
मिट गए हमको ज़माने से मिटाने वाले
बुझ गए शमा के मनींट बुझाने वाले
खाक में मिल गए खुद खाक बनाने वाले
क़त्ल खुद हो गए तलवार दिखाने वाले
सा गा पा नि धा सा
चमके सकता है ये जुगनू उजाला कर नहीं सकते
उड़ा के खाक सूरज को ये अंधा कर नहीं सकते
तो अर्ज है जो खुद को राहे वफा में मिटा नहीं सकते
कभी वो मंजिले मकसूद पा नहीं सकते
ये चार रोज की तलवार बांधने वाले
कभी हवा में मुक़ाबिल में आ नहीं सकते
कभी भी आ नहीं सकते
कभी भी आ नहीं सकते
हाँ जी हाँ आ नहीं सकते
आहोश में बेख़बर
सोता है क्या सोता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
होता है क्या होता है क्या होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या

ख़ुदा करे कि हसीनों के बाप मर जाएँ
ख़ुदा करे कि हसीनों के बाप मर जाएँ
और हमारे वास्ते मैदान साफ कर जाएँ
हक है हक है
वाह तेरा क्या कहना
अरे वाह तेरा क्या कहना
वाह तेरा क्या कहना
वाह वाह तेरा क्या कहना

ओ जानमैन जानमैन जानमैन
जानमैन देख आजमाइए
मैं मोच आ जाएगी कलाई में
सामने आओ जो दुल्हन बनके
जान दे दे गए मुँह देखाई में
जो अच्छे हैं उनकी कहानी भी अच्छी
लड़कपन भी अच्छा जवानी भी अच्छी
तेरे तीर को क्यों ना दिल में जगा दे
तेरे तीर को क्यों ना दिल में जगा दे
निशाना भी अच्छा निशानी भी अच्छी
निशाना भी अच्छा
निशानी भी अच्छी
तुम अपनी चाहतों को एक हसीन मोड़ दो
लोगों पे तोहमते तुम लगाना छोड़ दो
होता वही है जो मंज़ूर ख़ुदा होता है
ताकत और ग़ुरूर का अब शीशा तोड़ दो
यह शीशा तोड़ दो तुम यह शीशा तोड़ दो
अल्ला मियां को सब पता है
सोचा है क्या सोचा है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
होता है क्या होता है क्या
होता है क्या होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या

Written by:
JATIN LALIT, SAMEER

Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group

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Roop Kumar Rathod and Kavita Krishnamurthy

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