Benny Dayal - Tu Hi Toh Hai
आवारगी करता हूँ
पर मैं आवारा नहीं
छोड़ा खुला दिल को मगर
ख़ुद को बिगाड़ा नहीं
ऐसा लगे तेरे बिना अब तो गुज़ारा नहीं
किसी का भी होऊंगा ना मैं
हुआ जो तुम्हारा नहीं
तू ही तो है ख़्याल मेरा
तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहां के सभी
तू ही तो है खुमार मेरा
तू ही तो है ख़्याल मेरा
तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहां के सभी
तू ही तो है ख़ुमार मेरा
ज़िंदा हूँ तुझपे मर के
भूला सब तुझको पढ़ के
कैसा है प्यार तेरा हाँ
मैं यारा तेरे आगे
देखो दिल हारा हूँ
मैं यारा जैसा भी हूँ
जो भी हूँ तुम्हारा हूँ
जो तेरी चाहतें समेटे
वो किनारा हूँ
कैसे मैं ये कहूँ
मैं यारा तेरे लिए
ज़मीन पे उतारा हूँ
मैं तेरी भोली भाली
आँखों का ईशारा हूँ
जो तेरी चाहतें समेटे वो किनारा हूँ
कैसे मैं ये कहूँ
तू पास भी ज़रा ज़रा
तू प्यास भी ज़रा ज़रा
तू राज़ भी ज़रा ज़रा
मैं हो गया हूँ तेरा
तू ही तो है ख़्याल मेरा
तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहां के सभी
तू ही तो है खुमार मेरा
तू ही तो है ख़्याल मेरा
तू ही तो है क़रार मेरा
झूठे नशे जहां के सभी
तू ही तो है खुमार मेरा
ज़िंदा हूँ तुझपे मर के
भूला सब तुझको पढ़ के
कैसा है प्यार तेरा हाँ
Written by:
Irshad Kamil
Publisher:
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