Geeta Dutt and Mukesh - Kismat Mein Bichhadna Tha
क़िस्मत में बिछड़ना था
हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
न रुकति मुझसे प्यार के
के मेरा दिल नहीं मेरे हाथ रे
क़िस्मत में बिछड़ना था
हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
तू कौन है ये मालूम नहीं
तू कौन है ये मालूम नहीं
फिर दिल क्यों तुझे बुलाता है
तक़दीर ने छोड़ा साथ मगर
तू छोड़ न मेरा साथ रे
क़िस्मत में बिछड़ना था
हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
मैं अपना सब कुछ खो बैठा
मैं अपना सब कुछ खो बैठा
क्या प्यार में तेरा बिच्चड़ा रे
तू आके देख इक बार
है मेरी आँख़्हों में बरसात रे
क़िस्मत में बिछड़ना था
हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
याद आके न रस्ता रोक मेरा
याद आके न रस्ता रोक मेरा
मुझे जाने दे मुझे जाने दे
इक बार लौट के आ थाम ले
आकर मेरा हाथ रे
क़िस्मत में बिछड़ना था
हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे
Written by:
Qamar Jalalabadi, S D Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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