राहत फतेह अली खान and Nusrat Fateh Ali Khan - Dillagi

आ तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हारे ख़यालों की दुनिया यही है
ज़रा मेरी बाहों में आकर तो देखो
नि् स स स स​ स​ स​ ग् रे ग् रे स​ नि् स स स स​ स​ स​ (देखो देखो)
नि् स स स स​ स​ स​ ग् रे ग् रे स​ नि् स स स स​ स​ स​ (देखो देखो)
म प ध् प ध् म प ग् रे
रे ग् म प ध् म प ग् स ध् नि् रे
रे ग् म प म ग्​
नि् स रे स नि् स रे स नि् स रे स​
ध् प ध् प प ध् नि्स​
देख के मुझे क्यूँ तुम देखते नहीं
यारा ऐसी बेरुखी हाँ सही तो नहीं
रात दिन जिसे माँगा था दुआओं में
देखो गौर से कहीं मैं वही तो नहीं
मैं वो रंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना
मैं वो रंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना दामन से
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
मेरे साथ शामें बिता कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राह में आकर तो देखो (आ)
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हारे ख़यालों की दुनिया यही है
ज़रा मेरी बाहों में आकर तो देखो (कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो)
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी (ओ ओ ओ ओ)
मोहब्बत की राह में आकर तो देखो
मोहब्बत की राह में आकर तो देखो
तेरे लिए मैं जियूँ
तुझ पे ही मैं जान दूँ
दिल की कहूँ दिल की सुनूँ इश्क़ है दिल्लगी नहीं
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी (दिल्लगी दिल्लगी नहीं)
मोहब्बत की राह में आकर तो देखो (नि् स रे स नि् स रे स)
मोहब्बत की राह में आकर तो देखो (नि् स रे स नि् स रे स)

Written by:
NUSRAT FATEH ALI KHAN, SALIM SADRUDDIN MOLEDINA MERCHANT, SULAIMAN SADRUDDIN MOLEDINA MERCHANT, PURNAM ALLAHABADI, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA

Publisher:
Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, Universal Music Publishing Group, Sony/ATV Music Publishing LLC

Lyrics powered by Lyric Find

राहत फतेह अली खान and Nusrat Fateh Ali Khan

View Profile
Dillagi - Single Dillagi - Single