टोनी कक्कर, Neha Kakkar and सोनू कक्कर - Lori Suna

लोरी सुना फिर से
मुझे नींद नहीं आती है
बड़ा हुआ हूँ मगर
बचपन कही बाक़ी हे
लोरी सुना फिर से
मुझे नींद नहीं आती है
बड़ा हुआ हूँ मगर
बचपन कही बाक़ी हे

जो सुकून मिलता तेरे आँचल में
ना कही मिलता दुनिया में
काश सो जाऊँ
सोते ही रह जाऊँ
है थकान कितनी आँखियो में
दुनिया तो कितना सताती हे माँ
वो बारिश में गम की भिगाती हे माँ
तू तो खुद भीग जाए सूखे में सुलाती है
लोरी सुना फिर से
मुझे नींद नहीं आती हे
तेरे आँचल में दुनिया मिल जाती है

दर्द दिल के क्यूँ
अपने छुपाती है
तू छुपा मुझको आँचल में
हाल हफ़्तों से पूछा नहीं तेरा
देख कितना हूँ पागल मैं
क्यूँ ज़ख़्म किसी को दिखाए नहीं
क्यूँ ये किसी को बताए नहीं
की तू सबको खिला
बिन खाए सो जाती हैं
लोरी सुना फिर से
मुझे नींद नहीं आती है
तेरे आँचल में दुनिया मिल जाती है
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
चार दिन की क्यू यह ज़िंदगानी है
मुझको शिकायत ये खुदा से है
एक माटी के पुतले हम सारे हैं
कुछ पास रहते कुछ जुदा से हैं
चुप चाप गये वो बताया नहीं
पर तू जाए तो हमसे छुपाना नहीं
माँ तू बिन बताए अक्सर चली जाती हैं
लोरी सुना फिर से
मुझे नींद नहीं आती हे
तेरे आँचल में दुनिया मिल जाती है
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ ओ ओ

Written by:
VIPIN KAKKAR

Publisher:
Lyrics © Songtrust Ave

Lyrics powered by Lyric Find

टोनी कक्कर, Neha Kakkar and सोनू कक्कर

View Profile