Asha Bhosle and Mukesh - Saath Ho Tum Aur Raat Jawan
साथ हो तुम और रात जवाँ
साथ हो तुम और रात जवाँ
नींद किसे अब चैन कहाँ
कुछ तो समझ ऐ भोले सनम
कहती है क्या नज़रों की ज़ुबाँ
साथ हो तुम और रात जवाँ
महकती हवा छलकती घटा
हमसे ये दिल सम्भलता नहीं
यें मिन्नतें मनाकर थके
करें क्या ये अब तो बहलता नहीं
देख के तुमको बहकने लगा
लो मचलने लगा हसरतों का जहाँ
साथ हो तुम और रात जवाँ
नींद किसे अब चैन कहाँ
साथ हो तुम और रात जवाँ
आ आ आ आ आ आ आ
हम इस राह में मिले इस तरह
के अब उम्र भर न होंगे जुदा
मेरे साज़ ए दिल की आवाज़ तुम
मैं कुछ भी नहीं तुम्हारे बिना
आओ चलें हम जहाँ प्यार से
वो गले मिल रहे हैं ज़मीं आस्मां
साथ हो तुम और रात जवाँ(साथ हो तुम और रात जवाँ)
नींद किसे अब चैन कहाँ(नींद किसे अब चैन कहाँ)
कुछ तो समझ ऐ भोले सनम(कुछ तो समझ ऐ भोले सनम)
कहती है क्या नज़रों की ज़ुबाँ(कहती है क्या नज़रों की ज़ुबाँ)
साथ हो तुम और रात जवाँ(साथ हो तुम और रात जवाँ)
Written by:
SHAILENDRA, Surhid Kar
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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