Lata Mangeshkar and Kishore Kumar - Shayad Meri Shaadi
शायद मेरी शादी का ख्याल
शायद मेरी शादी का ख्याल
दिल में आया है
इसीलिए mummy ने मेरी तुम्हें चाय पे बुलाया है
क्या कहा फिर से दोहराओ
शायद मेरी शादी का ख्याल
शायद मेरी शादी का ख्याल
दिल में आया है
इसीलिए mummy ने मेरी तुम्हें चाय पे बुलाया है
हम्म पंछी अकेला देख मुझे पंछी अकेला देख मुझे
ये जाल बिछाया है
इसीलिए mummy ने तेरी मुझे चाय पे बुलाया है
क्यों है ना
नहीं नहीं
ठीक तुम चार बजे घर चले आना
मेरा हाथ मांग लेना ज़रा ना शरमाना
ठीक तुम चार बजे घर चले आना
मेरा हाथ मांग लेना ज़रा ना शरमाना
सात फेरे मेरे संग सपने देख रही हो
खिली हुई धूप में तारे देख रही हो
अरे नहीं नहीं बाबा चाय नहीं पीना
क्यों क्यों
तौबा मेरी तौबा माफ़ कर देना
इन्हीं अदाओं पर तो हाय अपना दिल आया है
इसीलिए मम्मी ने मेरी तुम्हे चाय पे बुलाया है
ना ना ना ना
पंछी अकेला देख मुझे ये जाल बिछाया है
इसीलिए mummy ने तेरी मुझे चाय पे बुलाया है हा हा
आ आ आ ला ला ला
दिल्लगी न कर छेड़ो न हमको सनम
हाँ कहो घर चलो तुमको मेरी क़सम
दिल्लगी न कर छेड़ो न हमको सनम
हाँ कहो घर चलो तुमको मेरी क़सम
जान ए मन माना हम तुमपे मरते हैं
प्यार तो ठीक है शादी से डरते हैं
शादी से पहले तो सब अच्छा लगता है
सारी उम्र को फिर रोना पड़ता है
इन्हीं अदाओं पर तो हाय अपना दिल आया है
इसीलिए mummy ने मेरी तुम्हें चाय पे बुलाया है
अरे पंछी अकेला देख मुझे ये जाल बिछाया है
इसीलिए mummy ने तेरी मुझे चाय पे बुलाया है
अरे नहीं बाबा
शायद मेरी शादी का ख्याल
दिल में आया है
इसीलिए mummy ने मेरी तुम्हें चाय पे बुलाया है
तुम्हें मेरी क़सम आओगे ना
नहीं बिलकुल नहीं
हाँ तेरी क़सम आऊँगा हा हा
Written by:
PRADEEP KAUSHIK, SAWAN KUMAR, USHA KHANNA
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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