Kumar Sanu and विजता श्रीवास्तव - Kyoon Phool Khilte
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
क्यों फूल खिलते है
उन्हें खुशबू की है लगन
क्यों पंछी गाते है
उन्हें मौसम की है लगन
क्यों दिल धड़कते है
उन्हें चाहत की है लगन
क्यों फूल खिलते है
उन्हें खुशबू की है लगन
क्यों पंछी गाते है
उन्हें मौसम की है लगन
क्यों दिल धड़कते है
उन्हें चाहत की है लगन
कोई न कोई तो किसी ना किसी की
चाह में है मगन
छेड़े मेरी जुल्फें ये हवाएं
भवरा मुझे देखे गुनगुनाये
हो तेरी हर अदा तो दिलनशी है
तेरे जैसा कोई ना हसी है
कैसे मैं मान लूँ ये बाते सनम
हो कैसे मैं मान लूँ ये बाते सनम
इतना यकीं कर तेरे है हम
क्यों बदल छाते है
उन्हें सावन की है लगन
क्यों रात होती है
उसे चंदा की है लगन
क्यों दिल धड़कते है
उन्हें चाहत की है लगन
कोई ना कोई तो किसी ना किसी की
चाह में है मगन
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ग ब त ब ग ब त ब ग ब त ब ग ब त ब
म ग स रा
त स त स त स न सा त स त स त स न सा रे सा
ग रे सा प अ
दुनिया ये बहारों का है मेला
रह न पाए कोई भी अकेला
हो दिल जाने क्यों दिल में गुल खिले है
हम तुम इसी कारण तो मिले है
चाहत का अब इज़हार करे
हो चाहत का अब इज़हार करे
मिलके गले आओ प्यार करे
आओ प्यार करे
आओ प्यार करे
क्यों नैन मिलते है
उन्हें अपनों की है लगन
क्यों प्यार होता है
ये तो जन्मो की है लगन
क्यों दिल धड़कते है
उन्हें चाहत की है लगन
कोई ना कोई तो किसी ना किसी की
चाह में है मगन हो हो
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
Written by:
AADESH SRIVASTAVA, SHYAM RAJ KIRAN
Publisher:
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