Lata Mangeshkar - Jeena Hamko Raas Na Aaya

जीना हमको रास न आया
हम जाने क्यों जीते है
क्या सावन क्या भादो अपने
सब दिन रोते बीते है
जीना हमको रास न आया
हम जाने क्यों जीते है
जीना हमको

हम से तो जग रूठ गया है
एक तुम्हारा क्या शिकवा
हम से तो जग रूठ गया है
एक तुम्हारा क्या शिकवा
अब क्यों आहे भरते है हम
अब क्यों आँसू पीते है
जीना हमको रास न आया
हम जाने क्यों जीते है
जीना हमको

प्यार की बाज़ी आसन समझे
हम ने बड़ी नादानी की
प्यार की बाज़ी आसन समझे
हम ने बड़ी नादानी की
दिल की दुहाई देने वाले
यह बाज़ी कब जीते है
जीना हमको रास न आया
हम जाने क्यों जीते है
जीना हमको

डोरे जूनून में क्या क्या सूझी
क्या क्या हम ने कर डाला
डोरे जूनून में क्या क्या सूझी
क्या क्या हम ने कर डाला
खुद ही ग़रीबा फाड़ लिया है
खुद ही ग़रीबा सीते है
जीना हमको रास न आया
हम जाने क्यों जीते है
जीना हमको रास न आया
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

Written by:
SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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