कविता पौडवाल and Anuradha Paudwal - Jai Gange Mata
ॐ जय गंगे माता मैया जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता
जो नर तुमको ध्याता मन वांशित फल पाता
ॐ जय गंगे माता
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता
जो नर तुमको ध्याता मन वांशित फल पाता
ॐ जय गंगे माता
चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता
मैया जल निर्मल आता
शरण पड़े जो तेरी
शरण पड़े जो तेरी सो नर तर जाता
ॐ जय गंगे माता(ॐ जय गंगे माता)
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता
मैया सब जग को ज्ञाता
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी त्रिभुवन सुखदाता
ॐ जय गंगे माता(ॐ जय गंगे माता)
एक बार जो प्राणी शरण तेरी आता
मैया शरणागति आता
यम की त्रास मिटाकर
यम की त्रास मिटाकर परम गति पाता
ॐ जय गंगे माता(ॐ जय गंगे माता)
आरती मात तुम्हारी जो नर नित्त जाता
मैया जो नर नित्त जाता
सेवक वही सहज में
सेवक वही सहज में मुक्ति को पाता
ॐ जय गंगे माता(ॐ जय गंगे माता)
ॐ जय गंगे माता मैया जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता
जो नर तुमको ध्याता मन वांशित फल पाता
ॐ जय गंगे माता
ॐ जय गंगे माता श्री गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता जो नर तुमको ध्याता
मन वांशित फल पाता
ॐ जय गंगे माता
Written by:
Traditional
Publisher:
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