Jagjit Singh and Asha Bhosle - Raat Bhar Deeda-E-Namnaar

रात भर दीदा-ए-नमनाक में लहराते रहे

साँस की तरह से आप आते रहे जाते रहे

ख़ुश थे हम अपनी तमन्नाओं का ख़्वाब आएगा

अपना अरमान बर अफ़्गंदा नक़ाब आएगा

आ गई थी दिल-ए-मुज़्तर में शिकेबाई सी

बज रही थी मेरे ग़मखाने में शहनाई सी

शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी

आप के आने की इक आस थी अब जाने लगी

सुबह ने सेज से उठते हुए ली अंगड़ाई

ओ सबा तू भी जो आई तो अकेले आई

ओ सबा तू भी जो आई तो अकेले आई

Written by:
Makhdoom (Emi-Pak), Jagjit Singh

Publisher:
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Jagjit Singh and Asha Bhosle

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