Lata Mangeshkar - Mere Jeevan Saathi
मेरे जीवन साथी कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खील के बहार
मेरे जीवन साथी कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खील के बहार
मेरे जीवन साथी
मस्ती नज़र में कल के खुमार की
मुखड़े पे लाली है पिया तेरे प्यार की
खुशबु से तेरी तन को बसा के
लहराओ डाली सी तेरे गुलज़ार की
मेरे जीवन साथी कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खील के बहार
मेरे जीवन साथी
कहा का उजाला अभी वही रात है
गोरी गोरी बहो पे जैसे तेरा हाथ है
बजती है चूड़ी तेरी धड़कन से
कानों में अब तक वही तेरी बात है
मेरे जीवन साथी कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खील के बहार
मेरे जीवन साथी
तुझको मै सजना बिंदिया का प्यार दू
चुनरी के रंग से घर को सवार दू
ज़ुल्फो का गजरा नैनो का काजल
तेरे नज़राने है तुझ पे ही वार दू
मेरे जीवन साथी कली थी मैं तो प्यासी
तूने देखा हुई खील के बहार
मेरे जीवन साथी
Written by:
Majrooh Sultanpuri, Naushad
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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