Benny Dayal - Kabhi Ruhani Kabhi Rumani
हे हे हे हे हे
वर्का-वर्का मोहब्बत का
लिख दे आज दिल से
लम्हा-लम्हा तू बेहतर सा सा
कर दे आजकल से
तुमसे मिल के मिला मैं खुद से
तुमसे रस्म-ए-वफ़ा सीखी
खुद को सपने दिखाने की आदत
तुमसे पहली दफ़ा सीखी
कभी रूहानी कभी रूमानी करे जवानी तू हो
कभी रूहानी कभी रूमानी करे जवानी तू
हो हो हो हो हो
हो चाहे खताएं तू करे
चाहे करूं मैं ग़लतियां
होगी वफ़ा ना कम कभी
होगी ना दूरियां अब दरमियां
तुमसे जुदा होके भला जाना है कहा हो हो
महके तेरे ख्याल से खाबों का जहां हो हो
शराफ़त भी तू सियासत भी तू मेरी यार शैतानी तू
कभी रूहानी कभी रूमानी करे जवानी तू
कभी रूहानी कभी रूमानी करे जवानी तू
हो तू भी ख्याल सा है मेरे
मैं भी तेरा एहसास हूं
मेरी यही है ख्वाहिशें
वादे सारे मैं निभा सकूं
कितना तुझे चाहूं बता कैसे मैं कहूं हो हो
तेरा ही था तेरा ही हूं तेरा ही रहूं हो हो
सुने जो खुदा तो मांगूं दुआ कभी ना हो बेगानी तू
कभी रूहानी ना ना ना न
ना ना ना ना
वर्का-वर्का मोहब्बत का
लिख दे आज दिल से
लम्हा-लम्हा तू बेहतर सा सा
कर दे आजकल से
Written by:
KAMIL IRSHAD, YUVAN SHANKAR RAJA
Publisher:
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