Armaan Malik and जोनिता गाँधी - Gerua

धुप से निकल के
छाँव से फिसल के
हम मिले जहां पर
लम्हा थम गया

आसमां पिघल के
शीशे में ढल के
जम गया तो तेरा
चेहरा बन गया

दुनिया भुला के तुमसे मिला हूँ
निकली है दिल से ये दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
रांझे की दिल से है दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ

हाँ निकली है दिल से ये दुआ
हो रंग दे तू मोहे गेरुआ

हो तुमसे शुरू तुमपे फ़ना
है सुफियाना ये दास्तां
मैं कारवां मंज़िल हो तुम
जाता जहां को हर रास्ता

तुमसे जुड़ा जो
दिल ज़रा संभल के
दर्द का वो सारा
कोहरा छन गया

दुनिया भुला के तुमसे मिला हूँ
निकली है दिल से ये दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
रांझे की दिल से है दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ

हो वीरान था दिल का जहां
जिस दिन से तू दाखिल हुआ
इक जिस्म से इक जान का
दर्ज़ा मुझे हासिल हुआ

फीके हे सारे नाते जहाँ के
तेरे साथ रिश्ता गहरा बन गया

दुनिआ भुला के तुमसे मिली हू
निकली है दिल से ये दुआ (आ आ)
रंग दे तू मोहे गेरुआ (रंग दे तू मोहे गेरुआ)
वो ओ ओ रांझे की दिल से है दुआ (हा हा)
रंग दे तू मोहे गेरुआ (रंग दे तू मोहे गेरुआ)

हाँ निकली है दिल से ये दुआ
हो रंग दे तू मोहे गेरुआ

Written by:
AMITAVA BHATTACHARYA, PRITAM CHAKRABORTY, AMITABH BHATTACHARYA

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Armaan Malik and जोनिता गाँधी

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