Lata Mangeshkar - Kaise Rahoon Chup

ह्म
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाकी
और ज़रा सी दे दे साकी
और ज़रा सी और
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाकी
और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी और
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है
ह्म ह्म ह्म ह्म हिक ह्म हिक ह्म

मुद्दतो की प्यास आज एक जाम बन गयी

मुद्दतो की प्यास आज एक जाम बन गयी
ये खुशी की शाम शामे इन्तेक़ाम बन गयी
जो बात हम में तुम में थी
वो बात आम बन गयी
और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी
कैसे रहु चुप हिक
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाकी
और ज़रा सी दे दे साकी
और ज़रा सी और
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है

पता है तुमको राज़ क्या है
मेरे इस सुरूर का
पता है तुमको राज़ क्या है
मेरे इस सुरूर का
की इश्स सुरूर में ज़रा सा रंग है गुरूर का
जो मैने पी तो क्यूँ नशा उतार गया हुज़ूर का

और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी
कैसे रहु चुप हिक
कैसे रहूं चुप की मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाकी
और ज़रा सी दे दे साकी
और ज़रा सी और
कैसे रहु चुप के मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाकी
और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी और
और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी
और ज़रा सी दे दे साकी और ज़रा सी

Written by:
LAXMIKANT PYARELAL, RAJINDER KRISHAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find