देवकी पंडित and Kumar Sanu - Hum Do Panchhi

सलीना
आ आ आ आ
सलीना
आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ

हम दो पंछी उड़े हवा में
हम दो पंछी उड़े हवा में
देखो साथ न छूटे ओ
देखो साथ न छूटे
बचपन के ओ साथी मेरे
बचपन के ओ साथी मेरे
हाथ से हाथ न छूटे ओ
हाथ से हाथ न छूटे

ओ ओ ओ ओ ओ ओ

बनोगे बादल तुम जो गगन के
साथ रहूंगी बरखा बनके

तुम बर्खा हम झोंके पवन के
हम से दनक रंग फुटे

हो ओ बनोगे बादल तुम जो गगन के
साथ रहूंगी बरखा बनके

तुम बरखा हम झोंके पवन के
हम से दनक रंग फुटे
देखो साथ न छूटे

बचपन के ओ साथी मेरे
हाथ से हाथ न छूटे

हम दो पंछी उड़े हवा में
देखो साथ न छूटे
ओ ओ देखो साथ न छूटे(देखो साथ न छूटे)

ओ ओ ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ ओ ओ ओ)

आओ चले आकाश के पीछे
जंगल पर्वत पाँव के नीचे

उड़ते रहे हम आँखे मींचे
जब तक सांस न टूटे

हो ओ आओ चले आकाश के पीछे
जंगल पर्वत पाँव के नीचे

उड़ते रहे हम आँखे मींचे
जब तक सांस न टूटे
हाथ से हाथ न छूटे

हम दो पंछी उड़े हवा में
देखो साथ न छूटे

बचपन के ओ साथी मेरे
हाथ से हाथ न छूटे

हो ओ हाथ से हाथ न छूटे हो(ओ हाथ से हाथ न छूटे)
सलीना सलीना सलीना सलीना

Written by:
MAJROOH SULTANPURI, NAUSHAD ALI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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देवकी पंडित and Kumar Sanu

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