Lata Mangeshkar - Sab Kuchh Loota Ke [1]

न पूछो प्यार की हमने वो हक़ीक़त देखी
वफ़ा के नाम पे बिकती हुई उल्फ़त देखी
किसी ने लूट लिया और हमें ख़बर न हुई
खुली जो आँख तो बर्बाद मुहब्बत देखी

सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया
सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया
दिन में अगर चराग़ जलाए तो क्या किया
सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया

मैं वो कली हूँ जो न बहारों में खिल सकी
मैं वो कली हूँ जो न बहारों में खिल सकी
वो दिल हूँ जिसको प्यार की मंज़िल न मिल सकी
मंज़िल न मिल सकी
पत्थर पे हमने फूल चढ़ाए तो क्या किया
दिन में अगर चराग़ जलाए तो क्या किया
सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया

जो मिल न सका प्यार ग़म की शाम तो मिले
जो मिल न सका प्यार ग़म की शाम तो मिले
इक बेवफ़ा से प्यार का अंजाम तो मिले
ऐ मौत जल्द आ
ऐ मौत जल्द आ
ज़रा आराम तो मिले

Written by:
Ravi, Prem Dhawan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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