Lata Mangeshkar - Jalta Hai Badan
जलता है बदन
जलता है बदन जलता है बदन
हो हाय जलता है बदन
प्यास भड़की है
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
इश्क़ से कह दो कि ले आए कहीं से सावन
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
जलता है बदन
जाने कब रात ढले, सुबह तक कौन जले
दौर पर दौर चले, आओ लग जाओ गले
आओ लग जाओ गले कम हो सीने की जलन
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
जलता है बदन जलता है बदन जलता है बदन
ओ आह! जलता है बदन
देख जल जाएंगे हम, इस तबस्सुम की कसम
अब निकल जायेगा दम, तेरे बाहों में सनम
दिल पे रख हाथ कि थम जाये दिल की धड़कन
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
इश्क़ से कह दो के ले आये कहीं से सावन
प्यास भड़की है सरे शाम से जलता है बदन
जलता है बदन जलता है बदन
ओ हाय जलता है बदन
जलता है बदन जलता है बदन जलता है बदन
Written by:
Khaiyyaam, Azmi Kaifi
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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