हेमंत कुमार and Lata Mangeshkar - Jaag Dard E Ishq Jaag

जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
जाग जाग जाग जाग

आ आ आ आ
किसको सुनाऊँ दास्तां, किसको दिखाऊँ दिल के दाग़
किसको सुनाऊँ दास्तां, किसको दिखाऊँ दिल के दाग़
जाऊँ कहाँ कि दूर तक, जलता नहीं कोई चिराग़
जाऊँ कहाँ कि दूर तक, जलता नहीं कोई चिराग़
राख बन चुकी है आग, राख बन चुकी है आग

दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग

ऐसी चली हवा-ए-ग़म, ऐसा बदल गया समा
ऐसी चली हवा-ए-ग़म, ऐसा बदल गया समा
रूठ के मुझ से चल दिये
रूठ के मुझ से चल दिये, मेरी खुशी के कारवां
डस रहें हैं ग़म के नाग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग(जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग)
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग(दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग)
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग(जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग)

Written by:
CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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हेमंत कुमार and Lata Mangeshkar

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