Prateek Kuhad - Kahaan Ho Tum
वू वू वू
वू वू वू
वू वू वू
वू वू वू
हन यह बातें ज़रूरी हैं
पास तुम हो कैसी दूरी हैं
कहाँ हो तुम ये कहानी अधूरी हैं
ये कैसी धुन मेरे लम्हो को च्छुई हैं
मेरे दिल का फसाना हैं
तुम से मिलने का बहाना हैं
कहाँ हो तुम मजिलों का इशारा हैं
ना कोई शक़ है ना कोई इरादा हैं
मुझे समझाए कोई क्यूँ
ना जानू मैं ना जाने तू
मुझे समझाए कोई क्यूँ
ना जानू मैं ना जाने तू
है दिल पे सबर
मैं जाो किधर
हन बदलती बहारे हैं
तेरे इंतज़ार के सहारे हैं
कहाँ हो तुम हन गुज़रते सितारे है
ना जाने खोए हैं या वो हुमारे हैं
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
मुझे समझाए कोई क्यूँ
मुझे समझाए कोई क्यूँ
ना जानू मैं ना जाने तू
ना जानू मैं ना जाने तू
है दिल पे सबर
मैं जाऊ किधर
कहाँ हो तुम ना संभालती
यह राहे हैं
कहाँ हो तुम मेरी नज़रों पे
साए हैन्न
कहाँ हो तुम
मैं तुम्हे ढूंड लौंग
कहाँ हो तुम
हम ज़माने से परायें हैं
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
कहाँ हो तुम
वू वू वू
Written by:
Prateek Kuhad
Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), CONCORD MUSIC PUBLISHING LLC
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