आरती मुखर्जी and Mohammed Rafi - Sara Mora Kajra Churaya Tumne

सारा मोरा कजरा छुडाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
सारा मोरा कजरा छुडाया तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
ओ रसिया मन बसिया

तीखा तीखा कजरा लगाया तूने
काहे को जादू जगाया तूने
ओ सजनी सुख रजनी

सारा मोरा कजरा छुड़ाय तूने
गरवा से कैसे लगे तूने

ओ रसिया मन बसिया
तूने प्यास जगादी नयी आग लगादी
मेरा अंग अंग जला जाये

ओ संजनी सुख रजनी
ज़रा नैन मिलाले लगी दिल की बुझले
तेरे संग संग कोई आए
तेरा रूप सहा नहीं जाए

सारा मोरा कजरा छुड़ाया तूने
गरवा से कैसे लगे तूने

कहे सारा ज़माना मुझे तेरा दीवाना
सदा हार हार तुझे चाहू

मेरी प्रीत पुरानी हुई तेरी दीवानी
जिया बार बार तुझे चाहू
तेरे ग़म ने रखा मुझे याद आये

तीखा तीखा गजरा लगाया तूने
काहे को जादू जगाया तूने

ओ रसिया मन बसिया
मेरे नैन नशीले मेरे होत रसीले
जिया जूम जूम मेरा गाए

ओ सजनी सुख रजनी
यह फ़िज़ा भी शराबी यह हवा भी शराबी
तुझे झूम झूम इधर आए
मुझे दूर कही लिए जाए

सारा मोरा कजरा छुड़ाय तूने
गरवा से कैसे लगाया तूने
हो तीखा तीखा कजरा लगाया तूने
काहे को जादू जगाया तूने
ओ सजनी सुख रजनी
ओ रसिया मन बसिया
ओ सजनी सुख रजनी

Written by:
HEMANT KUMAR, KAIFI AZMI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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आरती मुखर्जी and Mohammed Rafi

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