Kishore Kumar and Lata Mangeshkar - Uff Kitni Thandi Hai Yeh Rut [Remake]
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन सन सन जलता है बदन
काँपे है अंगडाई मेरी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन सन सन जलता है बदन
काँपे है अंगडाई मेरी
तुमपे भी सोना है भारी
वो है कौन ऐसी चिंगारी
ओ ओ तुमपे भी सोना है भारी
वो है कौन ऐसी चिंगारी
है कोई इन आँखों में
एक तुम जैसी ख्वाबो की परी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन सन सन जलता है बदन
काँपे है अंगडाई मेरी
ये तनहा मौसम महताबी
ये जलती बुझती बेखाबी
ओ ओ यह तनहा मौसम महताबी
ये जलती बुझती बेखाबी
महलों में थर्राती है
एक बेताबी अरमानो भरी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
कोसे हैं दिल पे कुछ साये
धड़कन भी जल के जम जाए
ओ ओ ऐसे हैं दिल पे कुछ साये
धड़कन भी जैसे थम जाए
कांपो तुम और सुलगे हम
ये है चाहत की है जादूगरी उफ़
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
सुलगे है तन्हाई मेरी
सन सन सन जलता है बदन
काँपे है अंगडाई मेरी
Written by:
MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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