Shadaab Hussain and Mehak Suri - Behki
अंगडाईयाँ लेने लगा है दिल
गुदगुदी सी ज़रा करने लगा है दिल
अंगडाईयाँ लेने लगा है दिल
गुदगुदी सी ज़रा करने लगा है दिल
हाथ आगे कर मैं चू लून आसमान
चाँद पे बाँधु मैं अपना आशियाँ
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा
नींद में सोई खुशियाँ
जागी हैं अचानक
मंज़िलें जो रुकी तीन
भागी हैं अचानक
नींद में सोई खुशियाँ
जागी हैं अचानक
मंज़िलें जो रुकी तीन
भागी हैं अचानक
अपना कर लून तमाशा
तेरे मिलने का इनाम वो है
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा (आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ)
लम्हो की धड़कानों में
ताज़गी है अचानक
ख्वाबों की गुफ्तगू में
सादगी है अचानक
लम्हो की धड़कानों में
ताज़गी है अचानक
ख्वाबों की गुफ्तगू में
सादगी है अचानक
आज दामन में भर लूँ यह जहाँ
पूरी कर मैं अपनी मर्ज़ियाँ
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा हे
बहकी, यह चहकी, यह जीने की अदाए
आज मुझपे ज़िंदगी फिदा, फिदा
Written by:
Sandeep Nath
Publisher:
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