Kishore Kumar and भूपिंदर सिंह - Yaro Nilam Karo Susti
गम पे धूल डालो ओ ओ
कहकहा लगा लो
अरे काँटों की डगरिया जिंदगानी है
तुम जो मुस्कुरा दो राजधानी है
गम पे धूल डालो
कहकहा लगा लो
काँटों की डगरिया जिंदगानी है
तुम जो मुस्कुरा दो राजधानी है
ये होंठ सूखे सूखे
ये बाल रूखे रूखे
बोलो छायी उदासी क्यूँ यारों
यारों नीलाम करो सुस्ती
हमसे उधार ले लो मस्ती
अरे हँसती का नाम तंदरुस्ती
अरे यारों नीलाम करो सुस्ती
हमसे उधार ले लो मस्ती
अरे हँसती का नाम तंदरुस्ती
यारों नीलाम करो सुस्ती
नदी गीत गाये ए ए ए
झरना गुनगुनाये ए ए ए
कोई गीत तुम भी साथ गा दो ना
दीप एक राह पर जला दो ना
नदी गीत गाए
झरना गुनगुनाये
कोई गीत तुम भी साथ गा दो ना
दीप एक राह पर जला दो ना
अरे हवा सीधी सीधी
सांझ पीरी पीरी
देखो समा सुहाना कैसा यारों
यारों नीलाम करो सुस्ती
हमसे उधार ले लो मस्ती
अरे हँसती का नाम तंदरुस्ती
यारों नीलाम करो सुस्ती
हमसे उधार ले लो मस्ती
अरे हँसती का नाम तंदरुस्ती
यारों नीलाम करो सुस्ती
आँख ना चुराओ ना चुराओ
रूठ कर न जाओ न जाओ
आँख ना चुराओ चुराओ
रूठ कर न जाओ है न जाओ
आँख ना चुराओ
हा हा हा
आँख ना चुराओ ओ ओ
रूठ कर न जाओ ओ हो ओ ओ
अरे फूल जल उठेंगे इन बहारों में
हा धुंआ सा उड़ेगा सब नजारों में
है आँख ना चुराओ
रूठ कर न जाओ
फूल जल उठेंगे इन बहारों में
धुंआ सा उड़ेगा सब नजारों में
अरे तीर मार गोरी
अरे हाँ चोरी चोरी
मेरा दिल निशाना बना यारों
Written by:
Neeraj, S D Burman
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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