Mohammed Rafi and आरती मुखर्जी - Husn Hai Ya Koi Qayamat Hai

हुस्न है या कोई क़यामत है
ख़्वाब देखा है या हकीकत है
बेबसी है के पा नहीं सकते है हाय
हमसे थोड़ी सी दूर जन्नत है
हमसे थोड़ी सी दूर जन्नत है

आआआ हम्म हम्म हम्म आआआ
ऐसा कोई न था निगाहों में
जैसा देखा है आज राहों में
दिल खींचा जा रहा है पहलु से हाय
अजनबी हमसफ़र की बाहों में
अजनबी हमसफ़र की बाहों में

क्यों न मिलने की कोशिशे कर ले
पूरी तन मन की ख़्वाहिशें कर ले
कोई ताकत न जिन्हें तोड़ सके हाय
आओ हम ऐसी बंदिशे कर ले
आओ हम ऐसी बंदिशे कर ले

Written by:
Ravindra Jain

Publisher:
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Mohammed Rafi and आरती मुखर्जी

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