Asha Bhosle, सुधा मल्होत्रा and Shankar Shambhu Qawwal - Nigah - E - Naaz Ke

ह आ आ आ आ आ आ

निगाह-ए-नाज़ के, निगाह-ए-नाज़ के (ह आ आ)
निगाह-ए-नाज़ के मारों का हाल क्या होगा
निगाह-ए-नाज़ के मारों का हाल क्या होगा
निगाह-ए-नाज़ के हो ओ
निगाह-ए-नाज़ के मारों का हाल क्या होगा
न बच सके तो, न बच सके तो
न बच सके तो, न बच सके तो
न बच सके तो
न बच सके तो बेचारों का हाल क्या होगा
न बच सके तो बेचारों का हाल क्या होगा
क्या होगा, क्या होगा
निगाह-ए-नाज़ के

आ आ आ आ आ
हमी ने इस्क के क़ाबिल बना दिया है तुम्हे
हमी ने इस्क़ के क़ाबिल बना दिया है तुम्हे
हमी ने इस्क के काबिल बना विया है तुम्हे

हमी न हो तो, हमी न हो तो
हमी न हो तो, हमी न हो तो
हमी न हो तो नज़ारों का हाल क्या होगा
हमी न हो तो नज़ारों का हाल क्या होगा
क्या होगा, क्या होगा

हमी न हो तो

आ आ आ आ आ आ
हमारे हुस्न की बिजली, हमारे हुस्न की बिजली
हमारे हुआ की बिजली चमकने वाली है
हमारे हुआ की बिजली चमकने वाली है
बिजली चमकने वाली है
हमारे हुआ की बिजली चमकने वाली है
न जाने आज, न जाने आज, न जाने आज
न जाने आज, न जाने आज, न जाने आज
न जाने आज हज़रों का हाल क्या होगा
न जाने आज हज़रों का हाल क्या होगा
क्या होगा, क्या होगा
निगाह-ए-नाज़ के

आ आ आ आ आ आ आ

रंग पर नाज़ न कर क्यों की रंग बदल जाता है

ये वो महमाँ है जो आज आता है कल जाता है
इश्क़ पर नाज़ करे कोइ तो कुछ बात भी है
हुस्न का नाज़ ही क्या, हुस्न तो ढल जाता है

हुन्न का नाज़ हा क्या, हुन्न तो ढल जाता हैं

बहार-ए-हुस्न सलामत खिज़ा से पूछ ज़रा

क्या के चार दिन में, क्या के चार दिन में

के चार दिन में वहारों का हाल क्या होगा
के चार दिन में

सा रे नी सा रे म पा म ध स प ध प म रे प

हम अपने चेहरे से पर्दा उठा तो दे लेकिन
हम अपने चेहरे से पर्दा उठा तो दे लेकिन

हम अपने चेहरे से पर्दा पर्दा पर्दा
हम अपने चेहरे से पर्दा पर्दा पर्दा
हम अपने चेहरे से पर्दा उठा तो दे लेकिन
गरीब चाँद, गरीब चाँद, गरीब चाँद
गरीब चाँद चाँद चाँद
गरीब चाँव-सितारों का हाल क्या होगा
गरीब चाँव-सितारों का हाल क्या होगा
क्या होगा, क्या होगा

Written by:
ROSHAN, SAHIR LUDHIANVI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Asha Bhosle, सुधा मल्होत्रा and Shankar Shambhu Qawwal

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