Jonita Gandhi - Lafz Unkahe

अभी तो था यहीं
अभी कुछ हुआ तो दूर
दिल को समझाना क्या
किसका था यह कुसूर
के रंग ख्वाहिशों पे चढ़ ना सके
रह गये दरमियाँ
कुछ लफ्ज़ अनकहे
कुछ लफ्ज़ अनकहे
हम्म कुछ लफ्ज़ अनकहे
कुछ लफ्ज़ अनकहे होठों पे रह गये
कुछ पन्नो मे कभी सिमटे यू रह गये
तूने भी ना सुनी नज़रो की दास्तान ( तूने भी ना सुनी)
रहे गये बेज़ुबान
वो लफ्ज़ अनकहे
वो लफ्ज़ अनकहे
कुछ लफ्ज़ अनकहे
ह्म्‍म्म्मम लफ्ज़ अनकहे

कहना है यह भी तो
के सोचा है तुमको बार हा
चाहा ये भी आते जाते
कभी मिल भी जाओ बेवज़ह
तेरा ज़िक्र कहीं जब सुना है
दिल मे ली क्यू खलिश ने जगह है
रह गये दरमियाँ
वो लफ्ज़ अनकहे
वो लफ्ज़ अनकहे
लफ्ज़ अनकहे (लफ्ज़ अनकहे)
ह्म्‍म्म्ममम

अभी तो ज़िंदगी मे कुछ भी ना कमी
लबो पे है हँसी आँखो मे कुछ नमी
होते कुछ और हम
कुछ होता यह समां
कह जाते हम अगर
वो लफ्ज़ अनकहे
वो लफ्ज़ अनकहे
हा लफ्ज़ अनकहे
ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म
ह्म्‍म्म्ममम
वो लफ्ज़ अनकहे
ये ये यह
वो लफ्ज़ अनकहे
हे हे या या
हा आ आ आ आ आ

Written by:
Mohit Pathak

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Jonita Gandhi

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