Lata Mangeshkar - Kisi Ke Thukra Kar Armaan
किसी के ठुकराकर अरमान
न जाओ बेदर्दी नादाँ
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
अरे अंजान नहीं आसान
बहारों के ऐसे सामान
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
शमा तक आकर परवाने
कहाँ जाता है दीवाने
शमा तक आकर परवाने
कहाँ जाता है दीवाने
यूँही क्यों होता है हैरान
नज़ाकत मौके की पहचान
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
किसी के ठुकरा कर अरमान
न जाओ बेदर्दी नादाँ
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
सदा इक बात नहीं होती
हसीं हर रात नहीं होती
सदा इक बात नहीं होती
हसीं हर रात नहीं होती
भरोसा क्या घटाओं का
सदा बरसात नहीं होती
सदा बरसात नहीं होती
ये रुत है दो दिन की मेहमान
न होगी कल कोयल की तान
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
किसी के ठुकरा कर अरमान
न जाओ बेदर्दी नादाँ
ये मौसम रोज़ नहीं आता
ये मौसम रोज़ नहीं आता
Written by:
Madan Mohan, Rajinder Krishnan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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