Lata Mangeshkar - Mujhpe Ilzam-E-Bewafai

मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
ऐ मोहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है

उसने ठानी है ज़ुल्म ढाने की
मुझमें हिम्मत है ग़म उठाने की
खुश हो ए दिल तुझे मिटाने की
मिटाने की
आज उसने क़सम तो खाई है
ऐ मोहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-इ-बेवफाई है

तू हुआ दिल से कब जुदा कह दे
मुझसे क्यों हो गया ख़फ़ा कह दे
तू ही इन्साफ से ज़रा कह दे
ज़रा कह दे
किसने शर्त-ए-वफ़ा भुलायी है
ए मोहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है

है ग़वारा तेरा सितम मुझको
हर जफा है तेरी करम मुझको
जान जाए नहीं है ग़म मुझ को
जब मोहब्बत पे बात आयी है
ऐ मोहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है

Written by:
C. RAMACHANDRA, JAN NISAR AKHTAR

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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