Shruti Sadolikar - Akhiyan Hari Darshan Ki Pyasi
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
देखयो चाहत कमल नयन को
निसदीन रहत उदासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
आये उधो फिरि गए आँगन
डाल गये गल फाँसी
केसर तिलक मोतिन की माला
वृंदावन के वासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
काहु के मन की को जानत
लोगन के मन हासी
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस बिन
लेहो करवट काशी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
देखयो चाहत कमल नयन को
निसदीन रहत उदासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी
Written by:
Traditional
Publisher:
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