सी रामचंद्र and Lata Mangeshkar - Phir Wohi Chand Wohi Hum
फिर वही चाँद वही हम वही तनहाई है
फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँद वही हम वही तनहाई है
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है (आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है)
फिर वही चाँद (फिर वही चाँद)
दूर दुनिया से कहीं भीगी हुई रातों में
दूर दुनिया से कहीं भीगी हुई रातों में
दो मोहब्बत भरे दिल गुम हैं हँसी बातो में
दो मोहब्बत भरे दिल गुम हैं हँसी बातो में
दिल में जो बात है आँखों में चली आई है
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है (आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है)
फिर वही चाँद (फिर वही चाँद)
ये समुंदर का किनारा
आ आ आ आ आ
ये ख़ामोशी का समा
आ आ आ आ आ ये समुंदर का किनारा ये ख़ामोशी का समा
ये इक ख़ाब मोहब्बत का
इक ख़ाब मोहब्बत का है इस वक़्त जवाँ
ना कोई डर है ज़माने का न रुसवाई है
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है (आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है)
फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है (फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है)
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है (आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है)
फिर वही चाँद (फिर वही चाँद)
Written by:
C Ramchandra, Rajinder Krishnan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find