Kishore Kumar and Kavita Krishnamurthy - Baat Pate Ki Kahe Madari
कदर कदर
कद॒रदानों मेहरवानों
एक ज़माना था
ज़माना था
जब भगवान कृष्ण मुरली बजाते वे
बजाते थे
और लोग झूम झूम जाते थे
झूम जाते थे
गैया झूम उठती थी
झूम उठती थी
गोपिया नाच उठती थी
नाच उठती थी
रे जमूरे
बोल मदारी
अब मैं मुरली बजाऊ
नहीं नहीं नहीं नहीं
ऐसा मत करना
क्यो क्यों क्यों
क्यों की सारे गधे सड़क पे जमा हो जाएँगे
और traffic जाम हो जाएगा
हाँ बात पते की कहें मदारी
खेल तमाशा दुनिया सारी
बात पते की कहें मदारी
खेल तमाशा दुनिया सारी
एक मदारी
चार जमूरे
एक मदारी चार जमूरे
मिलजुल कर हम पाँच हैं पुरे
नाम अलग हैं हम सबके पर
नाम अलग हैं हम सबके पर
एक हैं जान हमारी
हाँ बात पते की कहें मदारी
खेल तमाशा दुनिया सारी
ऐ बात पते की कहें मद़ारी (कहें मद़ारी)
खेल तमाशा दनिया सारी (खेल तमाशा दनिया सारी)
डुगडुगी बाजे उम डम डम
बन्दर नाचें छम छम छम
अह्य डुगड़ुगी बाजे डम डम डम
बन्दर नाचें छम छम छम
किसी फिल्मी हीरो से ये नहीं कुछ कम
किसी फिल्मी हीरो से ये नहीं कुछ कम
इसके पीछे पड़ी बंदरियां
कब से एक कंवारी
हाँ बात पते की कहें मदारी
खेल तमाशा दुनिया सारी
बच्चे लोग अरे बजाओं ताली
बस कर बस कर बस कर
अब आती हैं अरे आती हैं नखरें वाली
छेड़ोगे तो देगी वो गाली
गाल पे लाली पाँव में पंघरू
मुँह में पान सुपारी
अरे छेड़ोगे तो देगी वो गाली
गाल पे लाली पाँव में पुंघरू
मुँह में पान सुपारी
बात पते की कहें मदारी
खेल तमाशा दुनिया सारी
हाँ बात पते की कहें मदारी (हाँ बात पते की कहें मदारी)
खेल तमाशा दुनिया सारी (खेल तमाशा दुनिया सारी)
Written by:
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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