Chitra Singh - Zindagi Tujh Ko Jiya Hai
जिन्दगी तुझको जिया है कोई अफ़सोस नहीं
ज़हर ख़ुद मैंने पिया है कोई अफ़सोस नहीं
जिन्दगी तुझको जिया है कोई अफ़सोस नहीं
ज़हर ख़ुद मैंने पिया है कोई अफ़सोस नहीं
मैंने मुजरिम को भी मुजरिम न कहा दुनिया में
मैंने मुजरिम को भी मुजरिम न कहा दुनिया में
बस यही जुर्म किया है कोई अफ़सोस नहीं
ज़हर ख़ुद मैंने पिया है कोई अफ़सोस नहीं
मेरी क़िस्मत में जो लिखे थे उन्ही काँटों से
मेरी क़िस्मत में जो लिखे थे उन्ही काँटों से
दिल के ज़ख्मों को सिया है कोई अफ़सोस नही
ज़हर ख़ुद मैंने पिया है कोई अफ़सोस नहीं
अब गिरे संग के शीशों की हो बारिश फ़ाकिर
अब गिरे संग के शीशों की हो बारिश फ़ाकिर
अब कफ़न ओढ़ लिया है कोई अफ़सोस नहीं
ज़हर ख़ुद मैंने पिया है कोई अफ़सोस नहीं
जिन्दगी तुझको जिया है कोई अफ़सोस नहीं
Written by:
JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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