Shilpa Rao - Phir Kya Hai Gham
फुर्र फुर्र फुर्र से उड़ी
आँखों को ना खबर पड़ी
फुर्र फुर्र फुर्र से उड़ी
आँखों को ना खबर पड़ी
जिद्दी बेसबर बड़ी
फिरती ये गली वो गली
हौले हौले सब होगा
फिर क्यूँ झुके हौसला
मंजिल लेगी खुद ही बुला
फिर क्या है ग़म
ऊ ऊ ऊ ऊ
ऊ ऊ ऊ ऊ
हे हे हो हो
हे हे हो हो
हे हे हो हो
हे हे हो हो
हौले हौले सब होगा
फिर क्यूँ झुके हौसला
मंजिल लेगी खुद ही बुला
फिर क्या है ग़म
धुप्प धुप्प धुप्प धडके दिल
पूछे होगा क्या सब हासिल
थप्प थप्प थपकी दे
राही ना होगा ये दिल
हौले हौले सब होगा
फिर क्यूँ झुके हौसला
मंजिल लेगी खुद ही बुला
फिर क्या है ग़म
पैरों में गाते तराने
सफ़र के मांगे ये बहाने
कोना कोना चप्पा चप्पा
मीलों तक आहात पहचाने
आधे पे ना सबर गवाना
डगर वो बाकी तुझे पुकारे
जादूगर तो ये रास्ता है
एक बंद दूजा खुलता है
तम तम तम तम तम तम तम तम
तम तम तम तम तम
फिर क्या है ग़म
ऊ ऊ ऊ ऊ
ऊ ऊ ऊ ऊ
हे हे हो हो (ऊ ऊ)
हे हे हो हो (ऊ ऊ)
हे हे हो हो (ऊ ऊ)
हे हे (ऊ ऊ)
फिर क्या है ग़म (हो हो)
Written by:
ADITYA SHARMA, JASLEEN ROYAL, NEERAJ RAJAWAT
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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