Chitra Singh - Pasine Pasine Hue Ja Rahe Ho

पसीने पसीने हुये जा रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो
ये बोलो कहाँ से चले आ रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो

हमें सब्र करने को कह तो रहे हो
हमें सब्र करने को कह तो रहे हो
मगर देख लो खुद ही घबरा रहे हो
ये बोलो कहाँ से चले आ रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो

ये किसकी बुरी तुमको नज़र लग गई है

ये किसकी बुरी तुमको नज़र लग गई है
बहारों के मौसम में मुरझा रहे हो
ये बोलो कहाँ से चले आ रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो

ये आईना है ये तो सच ही कहेगा
ये आईना है ये तो सच ही कहेगा
क्यों अपनी हकीकत से कतरा रहे हो
ये बोलो कहाँ से चले आ रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो
ये बोलो कहाँ से चले आ रहे हो
पसीने पसीने हुये जा रहे हो

Written by:
Jagjit Singh, Rahi Saeed

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Chitra Singh

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